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सपना -29-Jan-2024

प्रतियोगिता हेतू 
दिनांक: 29/01/2024
सपना 

कल मैंने देखा एक सपना 
सपने में था मैं बच्चा।
जो गहरी नींद सोता था,
चिंता बिल्कुल नहीं करता था।
कल मैंने देखा एक सपना।

किताबें दिल से लगाई थी।
मोबाइल से मैं दूर था।
मेज़ पर भोजन था मेरे,
मैगी का कहीं नहीं नाम था।
कल मैंने देखा एक सपना।।

माता पिता के पैर छूता था,
काफी चाकलेट से दूर रहता था।
फिनिश करता था लंच अपना,
नहीं कभी मैं डरता था।
कल मैंने देखा एक सपना।।

बीमार कम पड़ता था मैं,
हेल्दी चीजें खाता था मैं।
टीवी मोबाइल से नहीं थी दोस्ती 
फिर भी खुश रहता था मैं 
कल मैंने देखा एक सपना।।

सुबह उठा तो सबकुछ नया था,
पास मेरे मोबाइल पड़ा था।
किताबें बिखरी थीं कमरे में 
मैं बिल्कुल बेचैन सा था।
कल मैंने देखा एक सपना।।

जो देखा सपने में मैने 
उसपर चलने की ठानी।
मोबाइल और टीवी से कट्टी कर दी,
अब मन से पढ़ने की ठानी।।
कल मैंने देखा एक सपना।।

शाहाना परवीन "शान"...✍️

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6 Comments

Mohammed urooj khan

30-Jan-2024 03:48 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Madhumita

29-Jan-2024 01:18 PM

Very nice

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Sushi saxena

29-Jan-2024 01:10 PM

V nice

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